अमूल्य है समय का हर क्षण डिक्टेशन #03 | REPUBLIC STENO

अमूल्य है समय का हर क्षण डिक्टेशन #03 | REPUBLIC STENO




Hindi Translation
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 [ --  अमूल्य है, समय का हर क्षण  -- ]



     जीवन का एक सूक्ष्म क्षण भी व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। जिन्होंने समय को पहचाना वे ही सफलता के उच्च सोपानों पर पहुंचे हैं। अर्थात जो समय आज निकल जाएगा, वह फिर आने वाला नहीं। समय बड़ा बलशाली है, यह जानकर ज्ञानी लोग सदैव समय का सदुपयोग करते हैं।

समय मानव जीवन की सबसे मूल्यवान संपत्ति है। इसके सदुपयोग से संसार में हर प्रकार की सफलता प्राप्त की जा सकती है, सारे सुख, वैभाव खरीदे जा सकते हैं। दिन, रात, मास और वर्ष व्यतीत हो रहे हैं और यह समय घोड़े के समान तीव्रगति से भागता जा रहा है। कितना ही इसके पीछे दोड़ों, जो समय निकल गया सो निकल गया, फिर वह वापस नहीं आ सकता।

इस मंत्र में काल अर्थात समय के अनेक गुण बताए हैं। जिस प्रकार सूर्य सात रंगों के साथ प्रकाशमान रहता है। उसी प्रकार काल भी प्रकाशमान है। जिस प्रकार सूर्य की सत्ता संसार में प्रमुख है, उसी प्रकार काल की महत्ता भी मान्य है। काल के सैकड़ों नेत्र हैं, जो हर समय हम सबको देखता रहता है। उसी के सहारे संसार सतत गतिमान है। काल सदा एक समान रहता है और अत्यंत बलशाली है।




      संसार के सभी कार्य देश और काल की सीमा में बंधकर होते हैं। परमात्मा और आत्मा को छोड़कर शेष सभी वस्तुएं काल के बंधन में बंधी हुई हैं। केवल ज्ञान और बुद्धिमान व्यक्ति ही कालरूपी घोड़े पर सवारी कर सकते हैं अर्थात जिनका जीवन में कोई उच्च लक्ष्य होता है, वही समय का सदुपयोग करके काल को भी परास्त कर सकते हैं।

समय धन से भी अधिक मूल्यवान है। संसार के सभी पदार्थों में समय का महत्व सर्वोपरि है। जो समय के महत्व को समझते हैं, वे उसे कभी भी नष्ट नहीं करते। जो समय को नष्ट करता है, समय उसे ही नष्ट कर देता है। समय शुभ जीवन और लक्ष्मी का भंडार होता है। समय के सदुपयोग से ही मनुष्य जीवन शुभ और पवित्र बनता है। जीवन नश्वर है तो इसका यह अर्थ नहीं कि समय को नष्ट किया जाए। अपितु इससे तो हमें यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि इस अमूल्य निधि को व्यर्थ न जाने दें और समय का सदुपयोग करते हुए इससे अधिकाधिक लाभ उठाएं। जीवन में सफलता का रहस्य भी यही है कि निश्चित समय पर निश्चित कर्म किया जाए। पर आज जिसे देखों वह समय बरबाद करता रहता है। हर काम समय काटने के उद्देश्य से करता है। आलस्य, निद्रा में समय व्यतीत करता है और कहता है कि बड़े व्यस्त हैं। यदि अब भी हम वास्तविकता से आंखें मूंदे रहेंगे तो यह काल हमें कुचल देगा।

काल करे सो आज कर, आज करे सो अब की दृष्टि अपनानी चाहिए। कल किसने देखा है। भविष्य कभी भविष्य के रूप में नहीं आता। वह तो प्रतिक्षण हमें वर्तमान के रूप में ही प्राप्त होता है। अतः जो वर्तमान का लाभ उठा लेता है, वह मानों स्वयं अपने भविष्य का निर्माण करता है तथा कालजयी बन जाता है।

समय का सदुपयोग चरित्र का सर्वश्रेष्ठ गुण है।

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