Dainik jagran Sampadkiya #01 | REPUBLIC STENO
Hindi Translation
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( संदग्धि मरीजों की पहचान )
कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह आवश्यक हो जाता है कि संदिग्ध मरीजों के परीक्षण के सिलसिले को गति दी जाए। यह इसलिए और जरूरी हो गया है, क्योंकि एक तो अनपेक्षित इलाकों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोग मिलने लगे हैं और दूसरे, तब्लीगी जमात वालों ने खतरा और बढ़ा दिया है। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए लोगों ने देश के विभिन्न इलाकों में कोरोना का संक्रमण फैला कर मुश्किलों को और बढ़ाया ही है। चूंकि इस जमात में शामिल होकर अपने गांव-शहर लौटे कई लोगों की तलाश नहीं हो पाई है इसलिए उनके जरिये अन्य अनेक व्यक्तियों में संक्रमण का खतरा गहरा गया है। इस खतरे के गहराने का एक कारण यह भी है कि कोरोना के संदिग्ध मरीज माने जा रहे कई जमाती स्वास्थ्य परीक्षण में असहयोग करने के साथ ही ऐसी बेहूदगी करने में लगे हुए हैं कि स्वास्थ्य कर्मियों की चुनौती भी बढ़ती जा रही है और संक्रमण का अंदेशा भी। ऐसे जाहिल लोगों से सख्ती से निपटा जाना उतना ही जरूरी है जितना कि अधिक से अधिक संदिग्ध मरीजों तक पहुंंचकर उन्हें बाकी लोगों से अलग करके उनका उपचार करना।
( संदग्धि मरीजों की पहचान )
कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह आवश्यक हो जाता है कि संदिग्ध मरीजों के परीक्षण के सिलसिले को गति दी जाए। यह इसलिए और जरूरी हो गया है, क्योंकि एक तो अनपेक्षित इलाकों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोग मिलने लगे हैं और दूसरे, तब्लीगी जमात वालों ने खतरा और बढ़ा दिया है। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए लोगों ने देश के विभिन्न इलाकों में कोरोना का संक्रमण फैला कर मुश्किलों को और बढ़ाया ही है। चूंकि इस जमात में शामिल होकर अपने गांव-शहर लौटे कई लोगों की तलाश नहीं हो पाई है इसलिए उनके जरिये अन्य अनेक व्यक्तियों में संक्रमण का खतरा गहरा गया है। इस खतरे के गहराने का एक कारण यह भी है कि कोरोना के संदिग्ध मरीज माने जा रहे कई जमाती स्वास्थ्य परीक्षण में असहयोग करने के साथ ही ऐसी बेहूदगी करने में लगे हुए हैं कि स्वास्थ्य कर्मियों की चुनौती भी बढ़ती जा रही है और संक्रमण का अंदेशा भी। ऐसे जाहिल लोगों से सख्ती से निपटा जाना उतना ही जरूरी है जितना कि अधिक से अधिक संदिग्ध मरीजों तक पहुंंचकर उन्हें बाकी लोगों से अलग करके उनका उपचार करना।
यह राहत की बात अवश्य है कि विशाल आबादी वाले अपने देश में अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या ढाई हजार के करीब ही पहुंची है, लेकिन यह एक सवाल तो है ही कि कहीं इसका कारण संदिग्ध मरीजों का कम संख्या में स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना तो नहीं है? ध्यान रहे कि अभी तक एक लाख से भी कम लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सका है। वक्त की मांग और जरूरत यह है कि यथासंभव उन सब लोगों की जांच तेजी से किया जाना सुनिश्चित किया जाए जिनके बारे में यह संदेश है कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। यह ठीक है कि उन ठिकानों की पहचान की जा रही है, जहां अधिक संख्या में कोरोना मरीज हैं, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि ऐसे ठिकाने बढ़ते जा रहे हैं और अस्पतालों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को जरूरी संसाधनों से लैस करने में समय लग रहा है। इस पर प्राथमिकता से ध्यान देना ही होगा कि देश का स्वास्थ्य तंत्र कोरोना वायरस के संक्रमण की पहान करने वाली परीक्षण किट, अन्य आवश्यक उपकरणों, दवाओं आदि के अभाव का सामना न करने पाए। निःसंदेह कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहने का कारगर उपाय सार्वजनिक मेल-मिलाप से सख्त परहेज है, लेकिन इसी के साथ एक अन्य उपाय संदिग्ध मरीजों का बड़ी संख्या में परीक्षण भी है।
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