REPUBLIC STENO | Dainik jagran Sampadkiya #02
Hindi Translation
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[ -- सहयोग करें, जीतेगा बिहार -- ]
राज्य में तेजी से कोरोना संदिग्धों की बढ़ती संख्या चिंता बढ़ाने लगी है। संक्रमितों की संख्या भी प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसी परिस्थिति में सरकारी निर्देशों का अनुपालन निहायत ही जरूरी है, क्योंकि इसी में सभी की भलाई है। केंद्र तथा राज्य सरकार इस बीमारी पर काबू पाने के हरसंभव कोशिश कर रही है। यह कोशिश तबतक कामयाब नहीं होगी जब तक आमलोग जागरूक होकर सरकार का साथ नहीं देंगे। इस कड़ी में लाॅकड़ाउन का पालन नहीं करने, बाहर से आने पर स्थानीय प्रशासन को सूचित नहीं करने, स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने व क्वारंटाइन सेंटर से भाग जाने की खबरें विचलित करने वाली हैं। वह भी तब जब यह जगजाहिर हो चुका है कि कोरोना वायरस कितना खतरनाक है। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज से आए लोग बड़ी परेशानी का सबब बन गए हैं। जाहिर है इनलोगों ने अपनी ओर से चूक न की होती तो डर और आशंका का बादल नहीं घिरता।
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राज्य में तेजी से कोरोना संदिग्धों की बढ़ती संख्या चिंता बढ़ाने लगी है। संक्रमितों की संख्या भी प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसी परिस्थिति में सरकारी निर्देशों का अनुपालन निहायत ही जरूरी है, क्योंकि इसी में सभी की भलाई है। केंद्र तथा राज्य सरकार इस बीमारी पर काबू पाने के हरसंभव कोशिश कर रही है। यह कोशिश तबतक कामयाब नहीं होगी जब तक आमलोग जागरूक होकर सरकार का साथ नहीं देंगे। इस कड़ी में लाॅकड़ाउन का पालन नहीं करने, बाहर से आने पर स्थानीय प्रशासन को सूचित नहीं करने, स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने व क्वारंटाइन सेंटर से भाग जाने की खबरें विचलित करने वाली हैं। वह भी तब जब यह जगजाहिर हो चुका है कि कोरोना वायरस कितना खतरनाक है। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज से आए लोग बड़ी परेशानी का सबब बन गए हैं। जाहिर है इनलोगों ने अपनी ओर से चूक न की होती तो डर और आशंका का बादल नहीं घिरता।
प्रदेश में भी विदेशों से आए लोगों ने मुसीबत बढ़ाई है। राज्य सरकार ने गांव स्तर पर निगरानी की व्यवस्था बनाई है। आशा, जीविका दीदी व चौकीदारों को जिम्मेदारी दी गई है ताकि बाहर से आए लोगों का पता चल सके और समय पर उनकी जांच की जा सके। बाहर से आए लोगों को यह समझना होगा कि अगर उन्हें गांव में प्रवेश न देकर क्वारंटाइन संटर में रखा जा रहा है तो इसमें उनकी और उनके स्वजनों की ही भलाई है। भागने से समस्या का समाधान संभव नहीं है। ग्रामीणों को भी क्वारंटाइन सेंटर बनाने में सहयोग करना होगा। सरकार बार-बार कह रही कि किसी को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो प्रवासी बिहारियों तक को एक-एक हजार तक देने की घोषणा कर दी है। पूरे प्रदेश में जहां-जहां भी क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, वहां लोगों के लिए हरसंभव व्यवस्था की जा रही है। लाॅकडाउन के दौरान लोगों को धैर्य रखना होगा। शारीरिक दूरी बनाए रखना ही कोरोना की गिरफ्त से बचने का मूल मंत्र है।
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