Nebhand GST #02 | Republic Steno
Hindi Translation
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( जीएसटी )
सभापति महोदय, वस्तु एवं सेवा कर भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। यह भारत में 1 जुलाई, 2017 में लागू एवं महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है तथा स्वतंत्रता के पश्चात् यह अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार के लिए उठाया गया सबसे बड़ा कदम है। जीएसटी द्वारा केन्द्र एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न-भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों कुछ अपवादों को छोड़कर के स्थान पर पूरे देश क लिए एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू की गई है, जीएसटी के लागू हो जाने के परिणामस्वरूप प्रारंभिक कठिनाइयों के पश्चात् भारत में एकीकृत साझा राष्ट्रीय बाजार का निर्माण होगा, विनिर्माण, निवेश, निर्यात, रोजगार कर आधार में विस्तार आदि की वृद्धि होगी। जीएसटी के स्वरूप को अपनाने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 101वां संशोधन द्वारा जीएसटी संविधान संशोधन अधिनियम-2016 के माध्यम से संवैधानिक प्रावधान किए गए।
जीएसटी कुछ अपवादों को छोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर एक देश एक कर की अवधारणा पर आधारित है।
यह विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया गया एक एकल कर है। प्रत्येक चरण पर भुगतान किए गए इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्द्धन के बाद के चरण में उपलब्ध होगा, जो प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्द्धन पर जीएसटी को आवश्यक रूप से एक कर बना देता है। अन्तिम उपभोक्ताओं को आपूर्ति श्रंखला में अन्तिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होगा। इससे पिछले चरणों के सभी लाभ समाप्त हो जाएंगे।
जीएसटी के केन्द्र स्तर पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सेवा कर, अतिरिक्त सीमा शुल्क आदि तथा राज्य स्तर पर सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, स्थानीय निकायों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स से अलग, केन्द्रीय बिक्री कर, प्रवेश कर, परचेज कर, लाॅटरी, सट्टे और जुए पर कर आदि समाहित है। पेट्रोलियम, एल्कोहाॅल एवं नेचुरल गैस को जीएसटी के दायरे में शामिल नहीं किया गया है।
( जीएसटी )
सभापति महोदय, वस्तु एवं सेवा कर भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। यह भारत में 1 जुलाई, 2017 में लागू एवं महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है तथा स्वतंत्रता के पश्चात् यह अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार के लिए उठाया गया सबसे बड़ा कदम है। जीएसटी द्वारा केन्द्र एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न-भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों कुछ अपवादों को छोड़कर के स्थान पर पूरे देश क लिए एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू की गई है, जीएसटी के लागू हो जाने के परिणामस्वरूप प्रारंभिक कठिनाइयों के पश्चात् भारत में एकीकृत साझा राष्ट्रीय बाजार का निर्माण होगा, विनिर्माण, निवेश, निर्यात, रोजगार कर आधार में विस्तार आदि की वृद्धि होगी। जीएसटी के स्वरूप को अपनाने हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 101वां संशोधन द्वारा जीएसटी संविधान संशोधन अधिनियम-2016 के माध्यम से संवैधानिक प्रावधान किए गए।
जीएसटी कुछ अपवादों को छोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर एक देश एक कर की अवधारणा पर आधारित है।
यह विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया गया एक एकल कर है। प्रत्येक चरण पर भुगतान किए गए इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्द्धन के बाद के चरण में उपलब्ध होगा, जो प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्द्धन पर जीएसटी को आवश्यक रूप से एक कर बना देता है। अन्तिम उपभोक्ताओं को आपूर्ति श्रंखला में अन्तिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होगा। इससे पिछले चरणों के सभी लाभ समाप्त हो जाएंगे।
जीएसटी के केन्द्र स्तर पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सेवा कर, अतिरिक्त सीमा शुल्क आदि तथा राज्य स्तर पर सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, स्थानीय निकायों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स से अलग, केन्द्रीय बिक्री कर, प्रवेश कर, परचेज कर, लाॅटरी, सट्टे और जुए पर कर आदि समाहित है। पेट्रोलियम, एल्कोहाॅल एवं नेचुरल गैस को जीएसटी के दायरे में शामिल नहीं किया गया है।
जीएसटी का प्रत्यक्ष संबंध पंजीकरण, भुगतान, रिफण्ड और बिल से है तथा अप्रत्यक्ष संबंध इनपुट टैक्स क्रेडिट, बदलाव के प्रावधानों एवं ढांचे से है। भारत का स्वरूप संघात्मक है। इसलिए जीएसटी में चार अंग हैं - केन्द्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और इण्टीग्रेटेड एवं संघ राज्य क्षेत्र जीएसटी। केन्द्रीय जीएसटी, इण्टीग्रेटेड जीएसटी एवं यूटी जीएसटी को केन्द्र सरकार लागू करेंगी। यूटी जीएसटी का प्रावधान उन केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए किया गया है, जहां उनकी अपनी विधानसभाएं नहीं हैं।
कर दारों और संरचनाओं की एकरूपता जीएसटी यह सुनिश्चित करेगा कि अप्रत्यक्ष कर दरें और ढांचे पूरे देश में एक समान है। इससे कर सुरक्षा में तो बढ़ोतरी होगी ही, व्यापार करना भी आसान हो जाएगा। दूसरे शब्दों में, जीएसटी देश में व्यापार के कामकाज को कर तटस्थ बना देगा, चाहे व्यापार करने की जगह का चुनाव कहीं भी किया जाए।
वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य के अनुपाती एकल एवं पारदर्शी कर केन्द्र और राज्यों द्वारा लगाए गए कई अप्रत्यक्ष करों या मूल्य संवर्द्धन के कई चरणों से मुक्ति मिलेगी। जीएसटी के अधीन विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक केवल एक ही कर लगेगा, जिससे अंतिम उपभोक्ता पर लगने वाले करों में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
समग्र कर भार में राहत निपुणता बढ़ने और कदाचार पर रोक लगने के कारण अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं पर समग्र कर भार कम होगा, जिससे उपभोक्ता को लाभ मिलेगा।
जीएसटी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में सरकार द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है। यद्यपि इसके क्रियान्वयन के संदर्भ में प्रारंभिक कठिनाइयां देखी जा रही है। इसके अतिरिक्त नए कर प्रणाली से परिचित एवं अभ्यस्त न होने के कारण कर दाताओं को कठिनाई उठानी पड़ेगी, किन्तु दीर्घकाल में जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए फलदायी होगा।
कर दारों और संरचनाओं की एकरूपता जीएसटी यह सुनिश्चित करेगा कि अप्रत्यक्ष कर दरें और ढांचे पूरे देश में एक समान है। इससे कर सुरक्षा में तो बढ़ोतरी होगी ही, व्यापार करना भी आसान हो जाएगा। दूसरे शब्दों में, जीएसटी देश में व्यापार के कामकाज को कर तटस्थ बना देगा, चाहे व्यापार करने की जगह का चुनाव कहीं भी किया जाए।
वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य के अनुपाती एकल एवं पारदर्शी कर केन्द्र और राज्यों द्वारा लगाए गए कई अप्रत्यक्ष करों या मूल्य संवर्द्धन के कई चरणों से मुक्ति मिलेगी। जीएसटी के अधीन विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक केवल एक ही कर लगेगा, जिससे अंतिम उपभोक्ता पर लगने वाले करों में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
समग्र कर भार में राहत निपुणता बढ़ने और कदाचार पर रोक लगने के कारण अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं पर समग्र कर भार कम होगा, जिससे उपभोक्ता को लाभ मिलेगा।
जीएसटी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार और भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में सरकार द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है। यद्यपि इसके क्रियान्वयन के संदर्भ में प्रारंभिक कठिनाइयां देखी जा रही है। इसके अतिरिक्त नए कर प्रणाली से परिचित एवं अभ्यस्त न होने के कारण कर दाताओं को कठिनाई उठानी पड़ेगी, किन्तु दीर्घकाल में जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए फलदायी होगा।
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