NEWS PAPER DICTATION #11 | REPUBLIC STENO

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Hindi Translation
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 [ --  प्रिय पाठकों  -- ]



        कोरोना वायरस के इस संकट के बीच हम सब विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। एक जिम्मेदार अखबार के रूप में इक्कीस दिन की लाॅकडाउन अवधि में अपने सीमित संसाधनों से भी आप तक नियमित पत्रिका पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। अर्थात हमारे पास आय के अन्य स्रोत नहीं है। आप यह भी देख रहे होंगे कि पत्रिका विज्ञापन शून्य निकल रहा है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। देशभर में उद्योग, व्यापार जिस तरह बंद हो गए, हमारी स्थिति भी उसी तरह हो रही है। हमें विश्वास है कि पत्रिका को अपने पाठकों का सहयोग हमेशा की तरह मिलता रहेगा।


      आपकी तरह हमारे अधिकांश कर्मचारी साथी भी घरों से ही काम कर रहे हैं। फील्ड में जुटी पत्रिका की टीमें सुरक्षा उपायों के साथ अपना अपना कार्य करने में व्यस्त हैं ताकि आप तक प्रतिदिन अखबार पहुंच सके। आज के संकट में तो विश्वसनीयता प्रथम आवश्यकता है। चारों और अफवाहों का बाजार गर्म है।

      आज संपूर्ण देश में लाॅकडाउन है। प्रदेश में कई स्थानों पर कर्तव्य भी है। हो सकता है, आपका पत्रिका आप तक नियमित नहीं पहुंच पा रहा हो। हालांकि हमारे वितरक और समाचार पत्र विक्रेता जी-जान से जुटे हैं। एक तरह से तो युद्धस्तर पर कार्य हो रहा है। फिर भी यदि पत्रिका प्राप्त करने में कठिनाई है तो आप ऑनलाइन देख सकते हैं।

       



       लाॅकडाउन की अवधि में आपके लिए विशेष सामग्री का समावेश किया गया है। दिन भर में पत्रिका एक अच्दे मित्र की भूमिका निभाएगा तथा सारगर्भित, प्रेरणादायक पाठ्यसामग्री से जीवन मूल्यों की झलक भी देगा। कोरोना के संबंध में विशेष सामग्री जिज्ञासाओं के उत्तर जीवन के गंभीर किंतु व्यावहारिक पक्ष भी उपलब्ध रहेंगे। भय तो भाग जाएगा। कुछ नई सामग्री इस प्रकार है-


    कोरोना 36 डिग्री - कोरोना के हर पहलू से जुड़े समाचार। देश-प्रदेश में संक्रमित मरीजों की जानकारी। देश भर में फैले संवाददाताओं की लाइव रिपोर्ट, प्रतिदिन विभिन्न राज्यों की डायरी। कोरोना से बचाव के हो रहे उपाय।

    कोरोना के कर्मवीर - देश भर की सुनहरी तस्वीर जिसमें कोरोना संकट के मुकाबले के लिए जुटे डाॅक्टर, नर्सेज व अन्य स्टाफ, सुरक्षाकर्मियों और सफाईकर्मियों के जज्बे की कहानियां।

      कोरोना जीत जाएंगे हम - वे तमाम स्टोरीज जिनसे कोरोना को लेकर भय के माहौल से मिले छुटकारा और लोगों में आए सकारात्मकता व माॅस्क व सेनेटाइजर लोगों तक पहुंचाने वाले समाजसेवियों की मदद।

      लाॅकडाउन अवधि के दौरान कृपया आपको अखबार पहुंचा रहे समाचार पत्र विक्रेता/वितरक को अग्रिम भुगतान कर दें ताकि इन कोरोना कर्मवीरों को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े। कृपया लाॅकडाउन के दौरान सोशल डिसटेंसिंग का पालन करें और अपने घर में ही रहें।

  राजस्थान पत्रिका आत्मीयता का अखबार है, संवेदनशील है। संकट की इस घड़ी को आपके साथ पार कर लेना ही हमारा लक्ष्य है। ईश्वर परीक्षा ले रहा है, हमें हर कष्ट उठाकर भी, मुस्कुराते हुए बाहर निकलना है। पास होने का एक ही फल है-अगली कक्षा में प्रवेश, प्रदेश का, देश का विकास।

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