RAJASTHAN HIGH COURT DICTATION #05 (80 Wpm) | REPUBLIC STENO

RAJASTHAN HIGH COURT DICTATION #05 (80 Wpm) | REPUBLIC STENO




Hindi Translation
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[ --  कोर्ट स्किल टेस्ट के लिए अभ्यसास  -- ]

     महोदय, जब किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को इत्तिला मिलती है कि सम्भाव्य है कि कोई व्यक्ति परिशान्ति भंग करेगा या लोक प्रशान्ति विक्षुब्ध करेगा या कोई सदोष कार्य करेगा जिससे संभवतः परिशान्ति भंग हो जाएगी या लोक प्रशान्ति क्षुब्ध हो जाएगी। तब यदि उसकी राय में कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार है तो वह, ऐसे व्यक्ति से इसमें इसके पश्चात उपबंधित रीति से अपेक्षा कर सकता है कि वह कारण दर्शित करे कि एक वर्ष से अनधिक की इतनी अवधि के लिए, जितनी की मजिस्ट्रेट नियत करना ठीक समझे, परिशान्ति कायम रखने के लिए उसे प्रतिभुओं संहित या रहित बंधपत्र निष्पादित करने के लिए आदेश क्यों न दिया जाए। इस धारा के अधीन कार्यवाही किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष तब की जा सकती है जब या तो वह स्थान जहां परिशान्ति भंग या विक्षोभ होने की आशंका है, उसकी स्थानीय अधिकारिता के अंदर है या ऐसी अधिकारिता के अंदर ऐसा कोई व्यक्ति है, जो ऐसी अधिकारिता के परे संभवतः परिशान्ति भंग करेगा या लोक प्रशान्ति विक्षुब्ध करेगा या यथापूर्वोक्त कोई सदोष कार्य करेगा। यदि कोई ऐसा जमाव अन्यथा तितर-बितर नहीं किया जा सकता है और यदि लोक सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि उसको तितर बितर किया जाए तो उच्च पंक्ति का कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जो उपस्थित हो, सशस्त्र बल द्वारा उसे तितर-बितर करा सकता है।




      ऐसा मजिस्ट्रेट किसी ऐसे अधिकारी से, जो सशस्त्र बल के व्यक्तियों की किसी टुकड़ी का समादेशन कर रहा है, यह अपेक्षा कर सकता है कि वह अपने समादेशाधीन सशस्त्र बल की मदद से जमाव को तितर-बितर कर दे और उसमें सम्मिलित व्यक्तियों को, जिनकी बाबत मजिस्ट्रेट निर्देश दे या जिन्हें जमाव को तितर-बितर करने की या विधि के अनुसार दण्ड देने के लिए गिरफ्तार और परिरूद्ध करना आवश्यक है, गिरफ्तार और परिरूद्ध करे। सशस्त्र बल का प्रत्येक ऐसा अधिकारी ऐसी अध्यपेक्षा का पालन ऐसी रीति से करेगा जैसी वह ठीक समझे, किंतु ऐसा करने में केवल इतने ही बल का प्रयोग करेगा और शरीर और संपत्ति को केवल इतनी ही हानि पहुंचाएगा जितनी उस जमाव को तितर-बितर करने और ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार और परिरूद्ध करने के लिए आवश्यक है।

जब कोई ऐसा जमाव लोक सुरक्षा को स्पष्टतया संकटापन्न कर देता है और किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट से कोई संपर्क नहीं किया जा सकता है तब सशस्त्र बल का कोई आयुक्त या राजपत्रित अधिकारी ऐसे जमाव को अपने समादेशाधीन सशस्त्र बल की मदद से तितर-बितर कर सकता है और ऐसे किन्हीं व्यक्तियों को, जो उसमें सम्मिलित हों, ऐसे जमाव को तितर-बितर करने के लिए या इसलिए कि उन्हें विधि के अनुसार दण्ड दिया जा सके, गिरफ्तार और परिरूद्ध कर सकता है, किंतु यदि उस समय जब वह इस धारा के अधीन कार्य कर रहा है कार्यपालक मजिस्ट्रेट से सम्पर्क करना उसके लिए साध्य हो जाता है तो वह ऐसा करेगा और तदनंतर इस बारे में कि वह ऐसी कार्यवाही चालू रखे या न रखे, मजिस्ट्रेट के अनुदेशों का पालन करेगा।

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