Rajasthan Patrika Editorial #02 | REPUBLIC STENO
Hindi Translation
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( कोरोना वारियर्स )
महोदय, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते भारत सहित कई देशों में लाॅकडाउन के चलते जहां लोग घरों में हैं। वहीं कोरोना वारियर्स डाॅक्टर्स व नर्स सहित अन्य चिकित्सकीय स्टाफ पीड़ितों की जिंदगी बचाने के लिए परिवार की दुआओं के सहारे हैं। ये कोरोना वारियर्स हैं, अस्पताल के चिकित्सक संदीप राजोतिया व मेल नर्स विकास वैष्णव तथा शिवकांत पाटीदार हैं। दो दिन से इन्होंने परिवार के किसी सदस्य की शक्ल तक नहीं देखी है तथा सोशल मीडिया के जरिए ही पत्नी, बेटे तथा माता-पिता के संपर्क में हैं। इन कोरोना वारियर्स के स्वास्थ्य के लिए पूरा परिवार दुआएं कर रहा हैं। विकास ने बताया कि गत जनवरी से ही वे कोरोना वायरस के संदिग्धों की जांच में जुटे हैं। कोरोना महामारी जानलेवा होने के बावजूद वो मरीजों की सेवा के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि गत जनवरी में चीन से मेडिकल स्टूडेंट टोंक आए थे तथा उनकी सक्रीनिंग की गई थी। तभी से उन्हें जांच टीम में शामिल कर लिया गया। मार्च में जब प्रदेशभर में कोरोना पाॅजिटिव के आंकड़े सामने आए तो वे सकते में आ गए। फिर भी निडरता के साथ प्रदेश के अन्य जिलों विदेश तथा अन्य राज्यों से टोंक आने वालों की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अधिकतर समय वे बेटे वैभव तथा पत्नी नीलम से वीडियो काॅलिंग के जरिए ही बात कर पाए हैं। इसी प्रकार डाॅक्टर संदीप राजोतिया व शिवकांत पाटीदार का परिवार भी उनके लिए दुआएं कर रहा है।
( कोरोना वारियर्स )
महोदय, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते भारत सहित कई देशों में लाॅकडाउन के चलते जहां लोग घरों में हैं। वहीं कोरोना वारियर्स डाॅक्टर्स व नर्स सहित अन्य चिकित्सकीय स्टाफ पीड़ितों की जिंदगी बचाने के लिए परिवार की दुआओं के सहारे हैं। ये कोरोना वारियर्स हैं, अस्पताल के चिकित्सक संदीप राजोतिया व मेल नर्स विकास वैष्णव तथा शिवकांत पाटीदार हैं। दो दिन से इन्होंने परिवार के किसी सदस्य की शक्ल तक नहीं देखी है तथा सोशल मीडिया के जरिए ही पत्नी, बेटे तथा माता-पिता के संपर्क में हैं। इन कोरोना वारियर्स के स्वास्थ्य के लिए पूरा परिवार दुआएं कर रहा हैं। विकास ने बताया कि गत जनवरी से ही वे कोरोना वायरस के संदिग्धों की जांच में जुटे हैं। कोरोना महामारी जानलेवा होने के बावजूद वो मरीजों की सेवा के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि गत जनवरी में चीन से मेडिकल स्टूडेंट टोंक आए थे तथा उनकी सक्रीनिंग की गई थी। तभी से उन्हें जांच टीम में शामिल कर लिया गया। मार्च में जब प्रदेशभर में कोरोना पाॅजिटिव के आंकड़े सामने आए तो वे सकते में आ गए। फिर भी निडरता के साथ प्रदेश के अन्य जिलों विदेश तथा अन्य राज्यों से टोंक आने वालों की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अधिकतर समय वे बेटे वैभव तथा पत्नी नीलम से वीडियो काॅलिंग के जरिए ही बात कर पाए हैं। इसी प्रकार डाॅक्टर संदीप राजोतिया व शिवकांत पाटीदार का परिवार भी उनके लिए दुआएं कर रहा है।
बच्चे हमेशा फोन करते हैं कि पापा आप यहीं रहते हो तो घर क्यों नहीं आते। मुझे भी बच्चों की याद आ रही थी तो घर चला गया। बच्चों को पता चला कि मैं आया हूं तो वे दौड़कर मुझसे गले लिपटना चाहते थे, लेकिन मैंने मना कर दिया। घर के दरवाजे से पांच मिनट में उनसे मिलकर लौट आया।
यह कहना है शहर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅक्टर सुधीर का। डाॅक्टर के नेतृत्व में पूरा स्वास्थ्य अमला लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने में जुटा है। वे बताते हैं कि हमेशा इंफेक्शन के एक्सपोजर में रहते हैं, इसलिए घर नहीं जाते, ताकि किसी और को संक्रमण ना लगे। इतने दिनों से घर नहीं गए थे, इसलिए बच्चों से मिलने पहुंचे और घर के बाहर जमीन पर बैडे रहे। उन्होंने बताया कि पत्नी और बच्चों ने गेट पर खड़े हो उनसे बात की।
यह कहना है शहर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅक्टर सुधीर का। डाॅक्टर के नेतृत्व में पूरा स्वास्थ्य अमला लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने में जुटा है। वे बताते हैं कि हमेशा इंफेक्शन के एक्सपोजर में रहते हैं, इसलिए घर नहीं जाते, ताकि किसी और को संक्रमण ना लगे। इतने दिनों से घर नहीं गए थे, इसलिए बच्चों से मिलने पहुंचे और घर के बाहर जमीन पर बैडे रहे। उन्होंने बताया कि पत्नी और बच्चों ने गेट पर खड़े हो उनसे बात की।
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